Sunday, June 1, 2025
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अपने ख्यालों में खोई फोन पर बात कर रही थी रीना… अचानक से चौंक गई जब उसकी बड़ी बहन वैशाली ने आवाज दी…                                                                                 [story-maafi]

रीना ओ रीना…उसने पास आ कर उसके कानों में चिल्ला कर कहा और हंस कर बोली वह बहरी हो गई क्या…देख तो कौन आया है..उसने उसकी गर्दन दरवाजे की तरफ घुमा दी.

maafi

सामने देख कर एक झटका सा लगा… उसने फोन कट कर दिया.सामने देखते हुए सन्न रह गई थी… वह उसे एक टक देखे ही जा रही थी.

वह भी उसे एक टक देख रहा था.पर मन ही मन सोच रहा था की आज जब रीना से भगवान ने मुलाक़ात करा ही दी है तो, वो उस से माफी (maafi)जरूर मांगेगा.

उसे अपनी गलती का जब से अहसास हुआ है तब से ही वो रीना से मिल कर माफ़ी (maafi)मांगना चाहता था.

आज जब ऊपर वाले ने उसे मिला ही दिया है तो इस वक्त को जाने नहीं देगा माफ़ी (maafi)जरूर मांगेगा.

पहचाना कौन है यह वैशाली ने पूछा.. क्या सोच रही है.भूल गई क्या इसे.

सामने राज को देखकर रीना बुदबुदा उठी क्यों..नहीं पहचानूंगी लाखों की भीड़ में भी इसे पहचान लूंगी.

बोल ना वैशाली ने फिर पूछा… पहचाना कि नहीं.

कौन है यह…अनजान बनते हुए रीना ने अपनी बड़ी बहन वैशाली से पूछा..

पागल हो गई है झल्ली कहीं की.इसे नहीं पहचानती.शर्मा जी का लड़का राज जो हमारे घर के सामने रहता था. तेरी इस से दोस्ती थी.दोनों कॉलेज में साथ-साथ पढ़ते थे.

रीना ने अनजान बनते हुए कहा….नाम याद नहीं आ रहा. जबकि ऐसा नहीं था वह जानती थी सामने खड़ा शख्स राज शर्मा था. उस के पड़ोस में रहने वाला श्याम शर्मा जी का बेटा राज शर्मा.

राज है यह राज उसने रीना की पीठ पर धोल जमाई.. पागल सी,और तू तू वहां खड़ा क्या देख रहा है अंदर आ बैठ इसके पास. मैं जब तक चाय नाश्ता लाती हूं तब तक दोनों बात करो अपनी अपनी कह कर. उस की बड़ी बहन इतना कह कर बाहर चली गई.

राज जो अब तक दरवाजे पर ही खड़ा था. फिर सोचने लगा की रीना बहुत नाराज है पता नहीं उसे माफ़ी (maafi)मिलेगी की नहीं.वैशाली के कहने पर अंदर आ गया.

अंदर जा कर उसने झिझकते हुए पूछा क्या…तुम ने सच में ही मुझे नहीं पहचाना कहते हुए उसकी आंखों में झाक और पूछ बैठा….जानता हूं बहुत नाराज हो तुम मुझ से.

तुम्हें मैं हजारों की भीड़ में पहचान सकती हूं और हां क्यों..क्यों नाराज हूं मैं तुमसे… भूल चुकी हूं मैं सब कुछ.. गुस्से से बोली थी रीना.

मैंने तुम जैसी लड़की के साथ जो किया बहुत गलत किया मैंने तुम्हारे साथ.

क्यों आए हो तुम यहां.रीना न रूखे स्वर मे पूछा.. कुछ बचा रहा गया क्या.

मैं जानता था कि तुम मुझे कभी दोबारा देखना नहीं चाहोगी.

फिर क्यों आए हो… रीना ने पूछा..जब सब कुछ जानते हो तो. आने का क्या मतलब है.

माफ़ी (maafi)मांगनी है तुम से बुदबूदा कर बोला.. कह नहीं पा रहा था.

बोलो.. रीना ने पूछा.

वैशाली दीदी मुझे मार्केट में मिली हमारी मुलाकात अक्सर ही हो जाती है और हर बार वह घर आने की जिद करती हैं पर मैं मना कर देता हूं.

तुम्हारी याद तुम्हारा एहसास मुझे परेशान करने लगता है. इसलिए मैं सदा आने से मना कर देता हूं. पर जब इस बार उन्होंने मुझे बताया कि तुम एक हफ्ते के लिए यहां आई हो तो मैं अपने को रोक न सका.

तुम्हें देखने की चाहत दिल में जाग उठी तड़प उठा मैं तुमसे मिलने को.

तड़प तो तुम्हें तड़पना भी आ गया.उसने दूसरी ओर देखते हुए कहा.

प्लीज रीना ऐसा मत कहो.

चले जाओ यहां से मैं तुम्हें देखना भी नहीं चाहती ना ही मिलना चाहती हूं कभी.

जानता हूं मैं..अचानक की राज ने उस का चेहरा ठोड़ी पकड़ कर अपनी और किया तो.. झन झना गया रीना का शरीर.. कॉप गई वह उसके स्पर्श से..उसने गुस्से में उसका हाथ झटक दिया.

दूर से बात करो मुझसे..वह गुस्से में बोली.

रीना प्लीज मुझे कुछ कहो मुझे गुस्सा हो मारो गाली दो पर ऐसा मत करो.

हम दोनों ही शादी शुदा है फिर तुमने मुझे छूने की हिम्मत कैसे की.

मेरा तुम्हें छूने के पीछे कोई गलत इरादा नहीं था मैं परिचित हूं तुम से.अच्छे से तुम और लड़कियों से अलग हो जिसे यह सब पसंद नहीं है.

तभी वैशाली चाय नाश्ता लेकर अंदर आ गई आहट पा कर दोनों ही संभल गए.

यह दोनों के चेहरे पर 12 क्यों बज रहे हैं क्या हो गया तुम दोनों को उसने राज की तरफ चाय का कप बढ़ाते हुए पूछा.. इतने दिन बाद मिले हो तुम यानी की 10 साल के बाद मिले हो दोनों एक दूसरे से.

इतने दिन बाद मिले हो तो अपनी बातें कहो सुनो आखिर दोनों दोस्त जो हो.

वैशाली को भनक भी नहीं थी कि वह दोस्ती से बहुत आगे जा चुके थे. घर में यह बात किसी को भी पता नहीं थी कि दोनों एक दूसरे को चाहते हैं यह बात किसी को ही पता नहीं थी.

रीना वैशाली से बोली.. तुम्हें पता है बहुत मुश्किल से यह घर आया है हर बार बहाना बनाकर निकल लेता है.इस बार तो यह तेरा नाम सुन कर ही दौड़ा चला आया.                                                              [story-maafi]

रीना ने हूँ कह कर हुंकारी भरी.

कमाल है हूं क्या होता है हूं..मैं तो तुम दोनों को देख कर बहुत खुश हूं

मेरा तो कोई पुराना दोस्त मिलता है तो मैं बहुत खुश होती हूं.लगता है पूरा दिन उसी के साथ रहूं पूरा वक्त उसी के साथ बिताऊं..सच यार पुरानी बातें बड़ा मजा देती हैं मन को खुश कर देती हैं. सुकून पहुंचाती है दिल को.

कभी-कभी सजा भी दे देती हैं..दीदी रीना ने धीरे से कहा

सजा क्या मतलब है.. क्या सजा मिली है तुझे. वैशाली ने उसकी तरफ देखकर पूछा.. क्या बात है रीना

कुछ नहीं दीदी अचानक राज बीच में बोला…. आप को तो पता ही है पूरी क्लास मे यह ऐसे ही कॉलेज में मुझसे बातें करती थी.

तू ठीक कहता है.. यह पर एक बात बताऊं जब से यह यहां आई थी छुट्टी बिताने तो बड़ी खुश थी पता नहीं अभी-अभी से अचानक क्या हो गया.

कहीं तुम दोनों में झगड़ा तो नहीं हो गया उसने चौक कर पूछा.

नहीं तो दीदी झगड़ा किस बात का राज बोला .. है ना रीना हम बात ही तो कर रहे थे.. ना राज ने इशारों से उसे समझाया.

हां दीदी ऐसा कुछ नहीं है रीना बोली.

फिर तू बुझी बुझी सी क्यों हो गई वैशाली ने पूछा..

वह दीदी अचानक सिर में दर्द होने लगा.उसने कहा.. तो वैशाली बोली…अच्छा तुम दोनों नाश्ता करो और बातें दोपहर के खाने का वक्त हो रहा है मैं खाना बना लेती हूं बच्चे भी स्कूल से लौटने वाले हैं.

और राज आज तुझे ऐसे नहीं जाने दूंगी तू भी हमारे साथ खाना खाकर जब जाना वैशाली ने प्यार से राज से कहा.

पर दीदी…

क्यों क्या हुआ वैशाली ने पूछा.                                                                              [story-maafi]

आज नहीं फिर कभी वह हिचकीचा रहा था..रीना उसे गुस्से से घूर रही थी.आज खाना खाकर जाना.. जब फिर आये तो फिर खा लेना कह कर वह बाहर निकल गई.

बहाना चाहिए था ना तुम्हें रुकने का मिल गया ना बहा ना..वह गुर्रा…कर बोली.

हां यह सच है आज मुझे बहाना चाहिए था तुम्हारे पास रुकने का मैं अपने मन की बात कहने का तुम्हारे मन की सुनने का.

इतना कुछ होने के बाद भी तुम सोचते हो कि मैं तुम से कुछ कहूंगी और तुम्हारी सुनूंगी रीना ने गुस्से से कहा… प्लीज चले जाओ यहां से

दिल से कह रही हो उसने उसकी आंखों में झांक कर पूछा.

उसने अपनी आंखें झुका ली.

दीदी से अक्सर तुम्हारी बारे में बात होती रहती है. रीना तुम यहां आई हो यह सुन कर रोक न सका अपने आप को. सोचा माफी (maafi)मांग लूं तो दिल का बोझ कुछ हल्का हो जाएगा.

माफी (maafi)और तुम रीना बोली तुम्हें तो बहुत घमंड था अपने ऊपर कि मुझे जैसा हैंडसम स्मार्ट खूबसूरत लड़का किसी के आगे नहीं झुकता.

लड़कियां झुकती है तुम्हारे आगे यही कहा था ना तुम ने. रीना ने उसे घूरते हुए कहा.

हां यही तो मेरी भूल थी कह कर वो उठ कर उसके पैरों के पास जमीन पर बैठ गया.

क्या कर रहे हो यह.. वह आश्चर्य से उसे देखने लगी पूरे 10 सालों के बाद मिली थी. उस से आज भी वह बहुत स्मार्ट हैंडसम और उतना ही खूबसूरत दिख रहा था बस थोड़े से बाल सफेद हुए थे.

एक झटके में उस से रिश्ता तोड़ देने वाला राज…आज उसके कदमों में बैठा था.(maafi maang rha tha)अचानक उसने आंखें बंद कर ली और ख्यालों में खो गई.

उसे अच्छे से याद है जब उसकी पहली मुलाकात घर की छत पर हुई थी. सांवली सलोनी रीना पड़ोस की लड़कियों के साथ हसीं ठिटोली कर रही थी.तभी राज ने आ कर सब को डरा दिया था.

क्योंकि रात का वक्त था और वह काले कपड़े पहन कर मुंह ढककर छत पर आया था और मजाक मजाक में सब को डराने लगा.लबादे जैसे कपड़े में जब वह रीना के पास आया तो वह भी डर कर बेहोश हो गई.    [story-maafi]

तभी लड़कियों ने हिम्मत करके उसके चेहरे से नकाब हटाया और पहचान कर चिल्ला कर बोली….

तू रुक राज का बच्चा सब डर रही थी और वह हंस रहा था तभी एक सहेली की नजर बेहोश रीना पर पड़ी.

देख बदतमीज तेरे कारन रीना बेहोश हो गई. तब सब उसे उठाने लगी.

रीना कौन…उसने चेहरा देखा तो कुछ पल उसे देखता ही रहा राज. चांद की रोशनी में उसका सावला चेहरा दमक रहा था.पसीने की बूंदे उसके चेहरे पर साफ दिख रही थी उस ने उसे उठा कर तुरंत चारपाई पर लिटा दिया.

यह तूने अच्छा नहीं किया राज..अभी रीना को कुछ हो जाता तो उसने उसके चेहरे पर पानी छिड़का.

नहीं नहीं सॉरी तुम सब से मैं तो मजाक कर रहा था..राज हाथ जोड़ने लगा.

सॉरी हमसे नहीं रीना से बोल रही. रीना होश में आ चुकी थी.उसने अपने पास इतने करीब एक अनजान लड़के को देखा तो वह घबरा कर उठने लगी और पूछ बैठी…

वह काले लबादे वाला गया क्या…

नहीं यही है एक सहेली ने जवाब दिया.

यही है कहाँ कहां…वह घबरा गई.

यह रहा.. उस ने राज की तरफ इसारा किया यह सामने वाले घर में रहने वाला शर्मा अंकल का बेटा राज शर्मा है. यही बदतमीज हम सब को डरा रहा था.

माफी (maafi)मांग रीना से…दूसरी सहेली बोली.

हां हां मुझे माफ कर दो.. प्लीज माफ़ी (maafi)दे दो मुझे हाथ जोड़ दिया उस ने रीना..उस ने उस से सॉरी कहा

चले जाओ मेरे सामने से उस ने उसे गुस्से में देखा और सीढ़ीओ की तरफ बढ़ गई.सारी सहेलियां भी उसके पीछे-पीछे चली गई उन्हें नीचे जाता देख राज भी उनके पीछे चलने लगा.लगता है

माफ़ी (maafi)बहुत मुश्किल से मिलेगी.. सिर पर हाथ मार कर मुस्कुराया.                              [story-maafi]

2 दिन बाद रीना की मुलाकात राज से कॉलेज में हुई.राज एक कोने में खड़ा रही रीना को ही देख रहा था रीना की नजर उसे पर पड़ी तो वह चुपचाप उसे देख कर के आगे बढ़ने लगी तभी राज उसकी तरफ बढ़ा.

प्लीज रीना माफ कर दो मुझे.. अब तो माफ़ी (maafi)दे दो.राज गिड़गिड़ाया.

रीना चुपचाप आगे बढ़ती रही.

देखो उस दिन जो कुछ हुआ सिर्फ मजाक में किया मुझे नहीं पता था कि यह सब हो जाएगा रीना ने कोई जवाब नहीं दिया.

बोलो रीना चुप ना रहो.माफ़ी (maafi)दे दो प्लीज.

कभी-कभी मजाक किसी पर भारी पड़ जाता है रीना ने जवाब दिया…अगर मैं उसे मर जाती तो.

नहीं नहीं..कह कर राज ने उसके मुंह पर उंगली रख दी.

पागल हो गए उसने उसका हाथ झटक दिया. कॉलेज के स्टूडेंट दोनों की तरफ देखने लगे. रीना कॉलेज लोन के घास पर बड़ी बेंच पर जाकर बैठ गई तो, राज भी पास ही आकर बैठ गया.

मैंने तुम्हें सॉरी कहा तुमने कुछ नहीं कहा.. मै तब तक माफ़ी (maafi)मांगता रहूंगा जब तक तुम मुझे माफ़ी (maafi)नहीं दोगी.राज ने कहा बोलो अब

क्या कहूं रीना ने पूछा..

यही कि तुमने मुझे माफ कर दिया..मेरी माफ़ी (maafi)मंजूर हो गई

ओके माफ कर दिया..दे दी माफ़ी (maafi)तुम्हे..अब प्लीज तुम यहां से हटो सब इधर ही देख रहे हैं राज चुपचाप उठकर वहां से चला गया.

धीरे-धीरे कुछ दिन में दोनों अच्छे दोस्त बन गए घर की छत पर अक्सर ही उनका मिलना होने लगा. किसी को कुछ पता नहीं था उनकी एक दूसरे के प्रति चाहत का.                                                               [story-maafi]

राज स्मार्ट हैंडसम और खूबसूरत और साथ ही पैसे वाला भी था.

कॉलेज में राज की कई लड़कियों से दोस्ती थी तो वहीं पड़ोस में रहने वाली लड़कियों से भी. यह बात रीना भी समझने लगी थी.

शाम को दोनों जब छत पर मिले तो रीना को चुप और उदास देखकर राज ने पूछा.. इतनी चुप क्यों हो आज उसने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया रीना ने कोई जवाब नहीं दिया.

बोलो ना क्या हुआ वह उसकी तरफ प्यार से देखते हुए पूछ बैठा.. उदासी का कारण नहीं बताओगी.

कुछ पूछना था..रीना ने उसकी तरफ देखकर कहा

तो पूछो ना झिझक क्यों राज बोला

तुमने कहा था कि तुम मुझे बहुत चाहते हो

हां फिर कह देता हूं बहुत चाहता हूं तुम्हें जान से भी ज्यादा.

फिर इतनी सारी और लड़कियों का साथ रीना ने पूछा क्या मेरा साथ तुम्हारे लिए काफी नहीं है.

उन सब से तो मेरी दोस्ती है सिर्फ..                                                                     [story-maafi]

और मुझ से रीना ने पूछा..

सिर्फ प्यार उसने हंस कर कहा.. तुम अब उन सब से अलग हो एकदम अलग यह मैं अच्छे से जान गया हूं.

अच्छा फिर क्या सोचा है आगे के लिए रीना ने सुकून भरे शब्दों में पूछा.

क्या सोचूं बताओ राज ने पूछा..

हम दोनों के प्यार का भविष्य क्या होगा.

शादी हंस कर बोला और क्या होगा.

मैं मजाक नहीं कर रही हूं…गंभीरता से बोली रीना

मैं भी मजाक नहीं कर रहा राज बोला मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता. बस पढ़ाई खत्म होते ही घर पर बात करूंगा तुम चिंता ना करो.

सच…रीना खुश होकर बोली.

हां सच…राज मुस्कुरा कर बोला.

रीना आश्वत हो गई.उसे सपने में उम्मीद नहीं थी की राज उसे धोखा देगा. 15 दिन बाद ही राज ने अपनी शादी का कार्ड उसके हाथ में रखा.

क्या है यह…शादी कार्ड पर उसका नाम और सुनैना का नाम देखकर चौंक कर बोली ये कार्ड किसका है.

मेरी शादी का हंस कर खुश होकर बोला…क्या हुआ.

तुम…तुम शादी कर रहे हो रीना चौक गई एकदम.

हां यार मां पिताजी ने खूबसूरत और पैसे वाली सुनैना को पसंद किया मेरे लिए.बस चट मंगनी पट विवाह तय हो गया.

पर राज तुम तो मुझ से प्यार करते हो.. तुमने खुद कहा था.                                        [story-maafi]

तुम पागल हो गई हो तुम्हारा मेरा क्या जोड़ है जो कहा सब मजाक था तुम से.सुनैना के आगे तुम कुछ भी नहीं हो
बिना सोचे समझे राज बोल गया.. तुम सीरियस क्यों हो गई उस ने उसका हाथ पकड़ना चाहा.

खबरदार छूना मत मुझे.. रीना चिल्ला पड़ी जिसे.. तुम मजाक कह रहे हो वह मेरे लिए सच और जिंदगी था मैं तुम्हें बहुत चाहती हूं.

बहुत सी लड़कियां मुझे चाहती है रीना मुझ जैसा स्मार्ट हैंडसम खूबसूरत पैसे वाले लड़के को कौन नहीं चाहेगा.

मैं उनकी तरह नहीं हूं मेरे लिए प्यार मजाक नहीं है.

भूल जाओ सब बातें यार यह सब तो होता ही रहता है. शादी में जरूर आना कह कर राज हंसते हुए चला गया.. और रीना टूटे हुए दिल को लेकर अपने कमरे में आकर फूट-फूट कर रोई थी उस दिन.

राज उसे धोखा देकर जा चुका था..राज की शादी हो गई तो इधर रीना के घर वालों ने भी रीना की शादी कर दी. कोई बात किसी को पता नहीं थी और रीना ने किसी से कुछ कहना उचित नहीं समझा.                 [story-maafi]

विनय उसका पति बहुत प्यार करता था उसे देखने में सुंदर स्मार्ट हैंडसम पैसे वाला.

लेकिन उसे घमंड बिल्कुल नहीं था.उसे बहुत चाहता था और दो प्यारे-प्यारे बेटे सास ससुर देवर से भरा-पूरा परिवार था उसका.सभी बहुत चाहते थे उसे.बेहद सुखमय जीवन था उसका भूल चुकी थी वह सब कुछ.

रीना रीना कहां खो गई तुम..उसने उसको धीरे से झिझोड़ दिया तो ख्यालों से बाहर आ गई रीना.एक हारा हुआ व्यक्ति राज के रूप में उसके कदमों के पास क्यों बैठा था समझ नहीं पा रही थी वो.

क्यों आए हो यहां उसने उसे चुप देख कर पूछा.

तुम्हें देखने तुमसे मिलने की चाहत थी.. राज ने कहा.

क्यों अब क्या मतलब बनता है रीना ने उसकी और देखते हुए पूछा…मुझे छोड़ने के बाद क्या तुम ने जानने की कोशिश की की मेरे ऊपर क्या बीती होगी.

यह सुन कर राज चुप था. कोई जवाब नहीं था उसके पास.

चुप क्यों हो बोलो ना…. एकदम फट पड़ी रीना.

मैंने तुम्हारे साथ जो किया उसका फल मुझे मिल चुका है.

अच्छा मुझे तो तुम्हें देखने के बाद कुछ ऐसा नहीं दिखा अच्छे खासे हो जैसे 10 साल पहले थे वैसे ही 10 साल बाद हो….रीना ने व्यंग्य कसा.                                                                            [story-maafi]

नहीं रीना मैं 10 साल पहले बाला राज नहीं हूं जो राज तुम्हारे पास बैठा है वह हारा हुआ टूटा हुआ राज है.

ऐसा कुछ दिखाई नहीं देता…तुम मेरे पास क्यों आए हो

कहां गई वह मोहल्ले कॉलेज की लड़कियां और तुम्हारी पत्नी सुनैना

अगर उसे पता चल गया कि तुम यहां आए हो तो शायद वह तुम्हें छोड़ेगी नहीं.

वह जा चुकी है और मोहल्ले की सारी लड़कियां मेरे व्यवहार के कारण घृणा करती है मुझ से.

तुम तुम जैसे खूबसूरत और हैंडसम स्मार्ट लड़के से हंस पड़ी वो… और तुम्हारी पत्नी सुनैना कहां गई और वह धन दौलत किधर चली गई.

तलाक हो गया हमारा…

क्या…जैसे बम फूटा उसके सिर पर रीना आश्चर्यचकित हो गई.                                            [story-maafi]

हां रीना तुम्हारे तुम्हारे सांवले सलोने चेहरे के पीछे बेहद खूबसूरत चाहने वाला दिल था वही सुनैना के खूबसूरत चेहरे के पीछे कोई दिल नहीं था. उसके लिए मैं सिर्फ दिल बहलाने का पैसा देने वाली मशीन था.

मैंने उस की खूबसूरती पर फिदा हो कर उसे अपनाया और तुम्हें ठुकरा दिया यह मेरे जिंदगी की बहुत बड़ी भूल थी.कुछ दिन बाद ही मुझे समझ आ गया मैंने तुम्हारे साथ जो किया उसका फल था ये.

तुम मुझे दिलो जान से बिना स्वार्थ के चाहती थी और उस घमंडी के दिल में मेरे लिए कोई चाहत नहीं थी. बहुत सारे दोस्त थे उसके. लेकिन जब तक मैं सभला तब तक बहुत देर हो चुकी थी.तुम्हारी शादी हो चुकी थी.

तुम्हें लड़कियों की क्या कमी थी दूसरी फसाते तीसरी फसाते गुस्से में कहा रीना ने.

मैं भी चाहता हूं तुम मुझे जलील करो जो मन कहे कहो मुझे लेकिन बस माफ कर दो मुझे.. मुझे बहुत अफसोस है कि मैंने तुम्हें धोखा दिया मैं तुम्हें बहुत चाहता हूं रीना.

शट अप..राज फिर दोबारा यह मत कहना रीना गुस्से से बोली

हां रीना यह सच है विश्वास करो..

तो तुम मुझे अपने प्यार का दिखावा करके मुझे दोबारा फसाने आए हो.

रीना…तड़प गया राज

मैं तुम्हें बता दूं कि मैं एक बहुत प्यार करने वाले चाहने वाले व्यक्ति की पत्नी हूं और मेरे प्यारे-प्यारे दो छोटे बेटे हैं मेरा पति मुझे बेहद चाहता है और मैं भी उसे जान से ज्यादा चाहती हूं क्योंकि उसे औरत की इज्जत सम्मान करना प्यार करना आता है.

मैं तुम्हें भूल चुकी हूं और कभी याद भी नहीं करना चाहती हूं.मुझे तुम से नफरत है और नफरत है मुझे बीते हुए पलों से जो तुम्हारे साथ मैंने बिताए थे.                                                              [story-maafi]

जानता हूं रीना पर माफ तो कर सकती हो मैं तुम से सिर्फ इस लिए मिलने आया था कि अपने किये की माफी (maafi)सकू… तो मुझे माफ कर दो रीना.

कभी नहीं मैं तुम्हें कभी माफ नहीं कर सकूंगी.. चले जाओ यहां से मैं तुम्हारी शक्ल कभी जीवन में नहीं देखना चाहती इतनी नफरत है मुझे तुम से.

ऐसा मत कर रीना माफ कर दे इसे.. अंदर आते हुए उसकी बहन ने कही… इसने अपने किए की बहुत सजा पा ली है सब मेरे सामने ही हुआ है राज ने तुझे धोखा दिया बदले में इसे वही मिला.भूल जा सब कुछ तू.

नहीं दीदी बिल्कुल नहीं रीना गुस्से में बोली.. तुम नहीं जानती दीदी इस ने मेरे साथ क्या किया है.

जितना सुना उस से समझ लिया कि क्या किया होगा इस ने तुम्हारे साथ इस की सजा भी पा चुका है यह.. तो अब बस मेरी प्यारी बहन माफ कर दे इसे.

यह तुझ से यहां पर अपने किये की माफी (maafi)मांगने आया था.जैसे तुझे चाहती हूं वैसे ही इसे भी चाहती हूं मैं…वैशाली बोली..छोटा भाई है यह मेरा.

रीना ने महसूस किया कि राज उसे प्यार भरी नजरों से देख रहा था.वह तुरंत संभल गई उस की आंखें भर आई थी.पर तुरंत उसने अपने आप को संभाल लिया.

भूल जा रीना.. प्यार से वैशाली ने उस के सिर पर हाथ फेरा.

ठीक है दी कहो इससे कि मैंने इसे माफ कर दिया. de di ese maafi अब यह चला जाए यहां से.दोनों ने एक दूसरे को देखा.

चलो अब तुम दोनों खाना खा लो..राज तू भी आजा.वह कह कर चली गई.                              [story-maafi]

नहीं दीदी फिर कभी..उसने अपने जेब से कार्ड निकाला और रीना की ओर बढ़ाया.कभी इस दोस्त की जरूरत पड़े तो याद करना कह कर एक बार उसने उसे देखा और बाहर निकल गया. वह उसे जाता हुआ देखती रही.

(maafi)कभी नहीं…कभी भी नहीं… उसने बुदबुदाते हुए कहा.es janam m maafi bilkul nhi.

उसने अपने हाथ में पड़ा हुआ कार्ड टुकड़े-टुकड़े कर खिड़की के बाहर उछाल दिया. तभी फोन की घंटी बजी फोन उसके पति विनय का था.उस ने उस से बात करने के लिए मुस्कुरा कर उसका फोन उठा लिया. [story-maafi]

धन्यवाद ! 🙏🙏🙏🙏🙏https://www.instagram.com/hindimulti?igsh=NWt0cXU4ZHdwbXBj

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