Thursday, November 21, 2024
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नवग्रह मनायें सुख समृद्धि पायें

नवग्रह(navgrah)– नवग्रह का हमारे पूरे जीवन पर प्रभाव पड़ता है ज्योतिष शास्त्र मे नवग्रह (navgrah)को बहुत महत्वपूर्ण मानाते है.नवग्रह की चाल का प्रभाव सब राशियों पर अच्छा या बुरा यानी की सकारात्मक और नकारात्मक  दोनों तरह का  प्रभाव पड़ता है.

 इन्हीं ग्रहों के कारण जीवन में खुशी और दुख आते हैं. अगर नवग्रह (navgrah)आपके अनुकूल हैं तो आपका जीवन सुख पूर्वक रहेगा और प्रतिकूल है तो कोई ना कोई समस्या बनी रहेगी. ऐसी स्थिति में समस्याएं एक दो और दो से चार भी हो सकती हैं.

 नवग्रह(navgrah) की पूजा से व्यक्ति को सुख समृद्धि खुशियां प्राप्त होती  है. हर ग्रह की पूजा से अलग-अलग फल की प्राप्ति होती है.

 सूर्य चंद्रमा मंगल बुध गुरु शुक्र शनि और राहु केतु को नव ग्रह (navgrah)कहा जाता है. इन्हीं ग्रहों का हमारे जीवन में प्रभाव पड़ता है इन ग्रहों की शांति के लिए ही पूजा-पाठ की जरूरत होती है.

मान्यता है कि नवग्रहों (navgrah)के आशीर्वाद से ही व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है दुर्भाग्य खत्म होता है जीवन में सुख प्राप्त होता है.

तो चलिए जान लेते हैं कि हम इन ग्रहों  को कैसे अनुकूल बनाएं ताकि हमें इनका शुभ परिणाम मिल सके.

 सूर्य–सूर्य सफलता का कारक है सूर्य ग्रह अनुकूल हो तो व्यक्ति जल्दी सफलता पा लेता है. प्रतिकूल है तो सफलता पाने में मुश्किल आती है.ऐसे में सूर्य को नित्य जल अर्पित करें.सूर्य की पूजा से सफलता यश धन सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.पुरानी बीमारी दूर होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है.

 सूर्य की पूजा के समय सूर्य मंत्र का जाप करें..

 मंत्र इस प्रकार से है —

सूर्य मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।

2– चंद्रमा–किसी भी मानसिक परेशानी का कारण चंद्र ग्रह होता है

लोगों की शांति और बेचैनी भी चंद्रमा के कारण होती है. चंद्र ग्रह प्रतिकूल होने पर ही मानसिक परेशानियों आरंभ होती हैं.

चंद्र ग्रह की पूजा करने से मानसिक परेशानियां दूर होती हैं.व्यक्तित्व में सुधार आता है.मन शांत रहता है यह धन और प्रगति को भी देता है.

 चंद्रमा का मंत्र इस प्रकार है..

चंद्र मंत्र: ओम श्रां श्रीं श्रौं सः सोमाय नमः ।

 3- मंगल–मंगल ग्रह को अपने अनुकूल बनाने के लिए मंगल

 देवता की पूजा करनी चाहिए मंगल ग्रह की पूजा से ध्यान शांति समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य  प्राप्त होता है. घातक हमले कारावास की आशंका कम होती है. इनकी पूजा से अच्छा जीवन मिलता है.

 मंत्र इस प्रकार है…

मंगल मंत्र: ओम क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।

4– बुध–बुध ग्रह की पूजा में बुद्धि ज्ञान धन सफलता मिलती है. व्यवसाय अच्छा चलता है.शरीर के कार्यों में और तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों में राहत मिलती है.

मंत्र इस प्रकार है…

बुध मंत्र: ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।

5–बृहस्पति –बृहस्पति ग्रह की पूजा से धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है वैवाहिक जीवन की परेशानियां समाप्त होती है. दीर्घायु प्राप्त होती है.

 उच्च शिक्षा संतान संबंधित सारी समस्याओं का हल होता है. नकारात्मकता और बुरी सोच दूर होती है और वीरता की प्राप्ति होती है.भाग्य साथ देने लगता है.  प्रवृत्ति  धार्मिक  होने लगती है.

मंत्र इस प्रकार है….

गुरु मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।

6– शुक्र–शुक्र ग्रह की पूजा से लंबी उम्र आपकी प्रेम बढ़ता है. वैवाहिक जीवन का तनाव खत्म होता है और विवाह संबंधी सारी परेशानियां समाप्त होती हैं धन संबंधी सारी समस्या हल होती हैं. और धन समृद्धि सुख शिक्षा कला उन्नति का आशीर्वाद मिलता है.

 घर में उन्नति होती है मीडिया में सफलता का आशीर्वाद मिलता है पारिवारिक खुशियां बढ़ती हैं..

मंत्र इस प्रकार है…

शुक्र मंत्र: ओम द्रां द्रीं द्रौम सः शुक्राय नमः ।

7– शनि–शनि की पूजा में शनि के कुदृष्टि से बचते हैं. ढईया और साढ़ेसाती का असर कम होता है.स्वास्थ्य समृद्धि मानसिक शांति खुशी घर आती है.व्यवसाय सही चलने लगता है.विपत्तियां  दूर होती हैं शनि देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मंत्र इस प्रकार है…

शनि मंत्र: ओम प्रां प्रीं प्रोम सह शनै नमः ।

8– राहु–राहु की पूजा से शक्ति और दीर्घायु प्राप्त होती है सामाजिक मान-सम्मान प्राप्त होता है.समझ गहरी होती है राहु के शुभ होने पर खुशियां सुख समृद्धि घर आती हैं परेशानियां कम होती हैं.

मंत्र इस प्रकार है….

राहु मंत्र – ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।

9– केतु–केतु की पूजा से धन सुख समृद्धि स्वास्थ्य अच्छा होता है. भाग्य का का साथ मिलता है.घरेलू पारिवारिक खुशियां प्राप्त होती हैं.इस पूजा में जहरील पदार्थ से होने वाली संपत्ति और मृत्यु के नुकसान की आशंका कम हो जाती है..

 मंत्र इस प्रकार है…

केतु मंत्र – ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।

 (नोट–किसी भी उपाय को करने से पहले अपने पंडित जी या कुंडली विशेषग को कुंडली दिखाकर तब करें.)

 धन्यवाद!! 🙏🙏🙏🙏🙏

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