हमारी भारतीय संस्कृति में भागवत गीता (bhagvad geeta) का स्थान सबसे ऊंचा माना जाता है.इसे पढ़ने से ज्ञान प्राप्त होता है.कथा प्रवचन में गीता के द्वारा बहुत सारे नियमों का पालन जीवन सुधारने का उपदेश आदि के द्वारा हमें समझाया जाता है.
भागवत गीता हमारे अंधकार भरे जीवन में उजाला लेकर आती है भागवत गीता का प्रभाव हर जगह देखने को मिलता है.
जिन्हें आध्यात्मिक खोज की चाह होती है या यूं कहें कि जो आध्यात्मिक व्यक्ति होते हैं उनके लिए भागवत गीता अनमोल काव्य है.
सारे शास्त्रों का सार यदि कहीं मिलता है तो वह भागवत गीता है जो ज्ञान रूपी गंगा में स्नान कराकर मन और दिमाग को अज्ञान से दूर करती है. इससे सब ज्ञान प्राप्त होता है.
गीता (bhagvad geeta) को मां के समान माना जाता है कहा जाता है कि, जिस प्रकार मां अपने बच्चों को प्यार से दुलार से समझाते हुए सुधारती है. उसे बढ़ने का सफलता पाने का रास्ता दिखाती है.वही सब भागवत गीता भी करती है.
भागवत गीता को पढ़ने से व्यक्ति अलौकिक ज्ञान प्रकाश सब पा लेता है इससे ज्ञान में वह सफलता प्राप्त कर लेता है और उसे किसी और को पाने की जरूरत नहीं होती है.
क्योंकि भागवत गीता(bhagvad geeta) खुद भगवान कृष्ण के श्री मुख से कही गई है इसका सारा सार खुद भगवान श्रीकृष्ण ने समझाया है. उन्होंने इसमें अर्जुन को उपदेश दिया है.
यही कारण है कि भागवत गीता (bhagvad geeta) का हमारे हिंदू धर्म में बड़ा महत्व माना जाता है. भागवत गीता के पाठ से हमें सर्व ज्ञान प्राप्त होता है. इससे आप को समझाने संभालने और नीतियों का पालन करना आ जाता है.
भागवत गीता हर व्यक्ति को अवश्य पढ़नी चाहिए.इसे चाहे अपने जीवन में एक बार पढ़ें पर पढ़े अवश्य. यह ज्ञान और शिक्षाओं का समंदर है जिससे आप सीखेंगे जरूर और इसकी शिक्षा को अमल भी जरूर करेंगे.
भागवत गीता में सारे वैदिक ज्ञान का सार समझाया हुआ है यह आपको सच्चाई के मार्ग पर ले जाती है. आपका जीवन को सुधारती है.भागवत गीता में 18 अध्याय हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण है.
बहुत से घरों में इसे नित्य पढ़ा जाता है इसका स्मरण किया जाता है.
यहां तक कि मेरे खुद के घर में भागवत गीता रोज पढ़ी जाती है जो हमें शांत रखती हैं हमें ज्ञान देती है हमारा मार्गदर्शन करती है.
अपने घर में बच्चों को भागवत गीता जरूर पढ़ने को कहें. यह उनके अंदर ज्ञान का विकास प्रखर करेगी.उन्हें सफलता दिलाएगी. विद्यार्थियों के लिए तो यह बहुत ही जरूरी है.विद्यार्थियों को यह जरूर पढ़नी चाहिए. ताकि विद्यार्थी इससे कुछ सीखें.
भागवत गीता में कर्म जीवन ज्ञान भक्ति आत्मा परमात्मा आदि का बहुत बेहतरीन तरीके से वर्णन किया गया है. गीता में हमें मार्गदर्शन के साथ-साथ ज्ञान भी मिलता है कि व्यक्ति को अपने कर्म देखने चाहिए और कर्म करते रहना चाहिए.
अपने काम पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि हम जो कर्म कर रहे उसका फल मिलना भी निश्चित है. जैसा कर्म करेंगे वैसा फल हमें प्राप्त अवश्य होगा.
भागवत गीता में 18 अध्याय हैं और 700 श्लोक हैं. हर श्लोक अध्याय का अपना अलग-अलग महत्व है और अलग-अलग फल बताया गया है.
जब महाभारत का युद्ध हुआ था तब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था. वही गीता है और इसमें भगवान श्री कृष्ण के उपदेश का ही सारा वर्णन है इन सारे उपदेश में ज्ञान का सार छिपा हुआ है.जो उन्होंने अर्जुन को समझाया था.
गीता हमें बताती है समझाती है कि जीवन है क्या.हमें इसे कैसे जीना है आत्मा से परमात्मा का मिलन कैसे हो सकता है. अच्छा बुरा क्या है उसका समझ रखना क्यों जरूरी है. ताकि हम सही फैसला कर सकें.
अगर ध्यान से समझा जाए तो जब आप भागवत गीता पढ़ लेंगे तो आपके बहुत से गूढ प्रश्नों का उत्तर आपको खुद मिल जाएगा.
इसीलिए गीता का पाठ जरूर करना चाहिए और इसे गहराई से मनन करना चाहिए तभी हम इसका विशाल महत्व समझ पाएंगे.
( डिस्क्लेमर–यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित )
धन्यवाद!!