पिछले ब्लॉग में मैंने आपको बताया था कि गृह(ghar) निर्माण किन महीनों और दिनों में करना शुभ होता है. जिससे कि आपका गृह निर्माण पूर्ण हो जाए वह भी बिना विघ्न बिना परेशानी के शांति के साथ.
इस बार के ब्लॉग में मैं आपको जानकारी दूंगी कि किन महीनों में और किन दिनों में गृह प्रवेश (griha pravesh)करना अति शुभ होता है.
ताकि गृह(ghar) प्रवेश भी आपके यहां खूब खुशियां और सुख शांति घर लेकर आए.
जिस प्रकार से गृह निर्माण के लिए शुभ महीने और दिनों का ध्यान रखना चाहिए. उसी प्रकार से शुभ महीने और शुभ दिनों का ग्रह(ghar) प्रवेश के लिए भी ध्यान रखना चाहिए. ताकि आप जिस घर में जा रहे हैं वहाँ सुख शांति खुशियां तरक्की हो. पारिवारिक खुशियां पारिवारिक एकता हो आपसी स्नेह सदा बना रहे.
ऐसा हो सकता है अगर आप गृह(ghar) प्रवेश नियम से महीने दिन और सब कुछ देखकर करेंगे तो सब ठीक हो सकता है.
गृह प्रवेश वैशाख, ज्येष्ठ, माघ, फागुन में करना शुभ बताया गया है इसीलिए इन्हीं महीनों में गृह(ghar) प्रवेश करना चाहिए. यह महीने अति शुभ माने जाते हैं.
चैत्र आषाढ़ भाद्रपद आश्विन पौष मास मे गृह(ghar) प्रवेश शुभ नहीं माना जाता है. इन महीनों में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए.
जब आप गृह प्रवेश करें तो कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखें…..
नए घर में गृह(ghar) प्रवेश करने से पहले किसी विद्वान पंडित या ज्योतिष से पूरी सलाह लेकर महीने तिथि वार नक्षत्र आदि का मुहूर्त निकलवा कर ध्यान से,जब गृह प्रवेश करें.
इन्हीं बातों से हमें पता चलता है कि हमें ग्रह प्रवेश कैसे करना है यही चीजें घर में सुख समृद्धि उन्नति तरक्की की सौगात लाते हैं.
गृह प्रवेश(griha pravesh) सदैव किसी विद्वान पंडित या ज्योतिष से पूरे विधि विधान के साथ करवाना चाहिए.
गृह प्रवेश के लिए दिन सोमवार बुधवार गुरुवार शुक्रवार शुभ माने जाते हैं मंगलवार शनिवार रविवार को गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए.
अमावस्या और पूर्णिमा को भी नहीं करना चाहिए.
गृह प्रवेश सदैव शुक्ल पक्ष मे करना चाहिए कृष्ण पक्ष में नहीं करना चाहिए.
गृह प्रवेश के समय कोई कलह नहीं होनी चाहिए. खुश होकर अपने सामर्थ्य के अनुसार परिवार के साथ गृह प्रवेश(griha pravesh)करना चाहिए. पंडित जी के बताए अनुसार सामान लेकर गृह प्रवेश करना चाहिए. यह सब बातें ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है.
गृह प्रवेश करते हुए उस घर के मुखिया को और उनकी पत्नी को घर में प्रवेश करते हुए गणेश जी का स्मरण करते हुए और पहले दाहिना पैर दोनों को अंदर रखना चाहिए. गृह प्रवेश करते समय दाहिना पैर रखना बेहद शुभ माना जाता है बाया पर नहीं रखना चाहिए.
नए घर में एक कलश जल भरकर रखना चाहिए.पहले दिन कहा जाता है कि दूध उबालना चाहिए यह बहुत शुभ होता है.
गृह प्रवेश(griha pravesh) पूरे विधि विधान के साथ करना चाहिए.वास्तु पूजा अवश्य करवानी चाहिए. अपने घर के पितरों से आशीर्वाद लेना चाहिए.उनका स्मरण करना चाहिए. क्योंकि पितरों की कृपा से ही सब संभव होता है.जब पूजा पूर्ण हो जाए तो भूल चुक की माफी मांगी चाहिए.बड़ों से आशीर्वाद लेना चाहिए और अतिथियों को भोजन आदि कराना चाहिए.
जिस दिन गृह प्रवेश किया जाता है उस दिन से घर को खाली नहीं छोड़ा जाता है. अगर आप उसी दिन से रहना शुरू कर देते हैं तो बहुत अच्छा है अगर आप गृह प्रवेश के कुछ दिन बाद रहना चाहते हैं तो किसी भी एक व्यक्ति को वहां जरूर रहना चाहिए.
कहां जाता है कि 40 दिन तक अवश्य घर में कोई ना कोई रहना चाहिए.
गृह प्रवेश करने के बाद से घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए. जिस दिन गृह प्रवेश करें उस दिन पूरा परिवार नए घर में रात को सोना चाहिए.
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