कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन प्रदोष काल में तुलसी विवाह किया जाता है

इस दिन भगवान विष्णु के अवतार शालिग्राम से तुलसी माता का विवाह किया जाता है

मान्यताओं के अनुसार विधि विधान के अनुसार तुलसी विवाह करने से

वैवाहिक जीवन सुखमय होता है खुशियां आती हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है

कहा जाता है कि जो व्यक्ति तुलसी विवाह करता है उसे कन्यादान के बराबर शुभ फल मिलता है

इस बार 23 नंबर को एकादशी की तिथि है इससे अगले दिन द्वादशी की तिथि है

द्वादशी तिथि पर माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह करने का विधान है

तुलसी विवाह का शुभ समय प्रदोष काल में 05 बजकर 25 मिनट को शुरू होगा

( Disclaimer-यह लेख सामान्य जानकारी एवं मान्यताओं पर आधारित है)